कानपुर:- कानपुर में दो शिक्षिकाओं की सड़क हादसे में मौत ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है. यह हादसा बिठूर थाना क्षेत्र में जीटी रोड पर बने एक अवैध कट पर हुआ. इस हादसे में एक कार की टक्कर से दो शिक्षिकाओं समेत तीन लोगों की मौत हो गई. इस दुखद घटना के बाद से जिला प्रशासन हरकत में आ गया है. जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने इस हादसे का संज्ञान लेते हुए तुरंत कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. उन्होंने जीटी रोड स्थित सिक्स लेन पर बने अवैध कट को तीन महीने के लिए पूरी तरह बंद करने का आदेश दिया है और साथ ही पीडब्ल्यूडी और ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों की एक टीम को मौके पर भेजा है, ताकि आगे की योजना बनाई जा सके.

डीएम ने की लोगों से अपील
सहायक पुलिस आयुक्त (यातायात) आकांक्षा पांडेय और अधिशाषी अभियंता (पीडब्ल्यूडी) अनूप मिश्रा ने मौके पर पहुंचकर बताया, कि अभी यह कार्रवाई अस्थायी रूप से की गई है, लेकिन आगे इन समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए भी काम जारी है.उन्होंने कहा कि सड़क हादसों को रोकने के लिए संकेतक लगाए जाएंगे और लोगों को जागरूक किया जाएगा. वहीं, डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने जनता से अपील की है, कि चाहें कितनी भी जल्दी हो, वाहन कभी भी उल्टी दिशा में न चलाएं. उन्होंने कहा कि गलत दिशा में चलने से हादसों की संभावना बढ़ जाती है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वाहन चलाते समय सही कट का ही उपयोग करें, अवैध कट से रास्ता न लें.
शहर में इन 20 ब्लैक स्पॉट पर रहेगी कड़ी नजर
आपको बता दें, शहर में 20 ब्लैक स्पॉट हैं. प्रशासन अब कानपुर शहर के इन 20 प्रमुख ब्लैक स्पॉट पर भी ठोस कदम उठाने जा रहा है. इन जगहों पर या तो रास्ते बंद किए जाएंगे या फिर वहां पर सख्त ट्रैफिक व्यवस्था की जाएगी ताकि हादसों को रोका जा सके. वहीं कानपुर के इन 20 ब्लैक स्पॉट्स पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी
जिनमें गुजैनी बाईपास, नौबस्ता चौराहा कट (एनएचएआई), यशोदा नगर चौराहा (एनएचएआई), बर्रा बाईपास (एनएचएआई), नारामऊ (एनएचएआई), रामपुर दुर्गा मंदिर (एनएचएआई), शंभुआ पुल (एनएचएआई), हड़हा पुल (एनएचएआई), कनौजिया पेट्रोल पंप (एनएचएआई), किसान नगर (एनएचएआई), भौंती (एनएचएआई), ब्रह्म देव मंदिर (एनएचएआई), दादा नगर, विजय नगर, फजलगंज, बीओबी चौराहा, शनिदेव मंदिर, फजलगंज जूट मिल चौराहा (पीडब्ल्यूडी), नौरंगा चौराहा, परास मोड़, राहा गांव, कुआं खेड़ा जवाहर नाला (पीडब्ल्यूडी), पनकी पड़ाव (पीडब्ल्यूडी) शामिल हैं.
अब प्रशासन का ध्यान सिर्फ मीटिंगों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सड़क सुरक्षा को लेकर जमीन पर काम शुरू हो गया है. उम्मीद की जा रही है कि इन कदमों से आने वाले दिनों में हादसों की संख्या में कमी आएगी और लोगों की जानें बचेंगी.