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नई दिल्ली. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के पाले-पोसे गए आतंकियों के पहलगाम की बैसरन घाटी पर किए गए हमले ने पूरे भारत में गुस्से की लहर पैदा कर दी है. भारत में इस आतंकी हमले की चारों ओर से निंदा हो रही है और पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग तेज हो रही है. मगर सबसे बड़ा सवाल है कि पाकिस्तान पर हमला किए बगैर उसको सबक सिखाने के और क्या- क्या रास्ते हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि बमों से परे भी भारत कूटनीतिक और आर्थिक तरीकों को अपना कर पाकिस्तान को सबक सिखा सकता है.
डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत के विकल्प मिसाइलों और हवाई हमलों तक ही सीमित नहीं हैं. अधिकारी इन कई गैर-सैनिक कदमों पर भी विचार कर सकते हैं:
2021 के एलओसी युद्धविराम समझौते को रद्द करना- यह संकेत है कि पाकिस्तान अब छद्म युद्ध को बढ़ावा देने के साथ- साथ ‘शांत’ सीमाओं का भी मजा नहीं ले सकता है.
सिंधु जल संधि को निलंबित करना- पाकिस्तान के महत्वपूर्ण नदी प्रवाह को कम करने के लिए कानूनी सीमाओं के भीतर सिंधु जल संधि को निलंबित करना या उसकी शर्तों को फिर से तय करने पर जोर देने के साथ जरूरी कदम उठाया.
एफएटीएफ लॉबिंग तेज करना- टेरर फंडिंग के लिए पाकिस्तान को ग्रे या ब्लैक लिस्ट में वापस लाने के लिए टीआरएफ के लश्कर से लिंक का हवाला देते हुए एफएटीएफ लॉबिंग को तेज करना.
ये कदम शायद ही कभी तत्काल संतुष्टि देते हैं, लेकिन आतंकी प्रॉक्सी को शरण देने की लागत को बढ़ा देते हैं. ये उपाय पहलगाम हत्याओं पर पहले से ही आक्रोश जाहिर करने वाले अंतरराष्ट्रीय भागीदारों को भी अच्छा महसूस कराते हैं.
भारत कुछ नया कैसा कर सकता है:
भारत हाइब्रिड युद्ध रणनीति का भी उपयोग कर सकता है. जो पूर्ण सैन्य संघर्ष से तो बचती है लेकिन फिर भी दुश्मन से बड़ी कीमत वसूलती है. इनमें शामिल हैं:
साइबर ऑपरेशन: कमांड-एंड-कंट्रोल को बाधित करने या पाकिस्तान को फंसाने के लिए संचार अवरोधों को लीक करने के लिए आईएसआई के डिजिटल बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना.
स्मार्ट-बॉर्डर सिस्टम: सेंसर, एआई और ड्रोन का उपयोग करके ‘किल बॉक्स’ बनाएं जो घुसपैठियों को खुद-ब-खुद निशाना बनाएं.
सूचना युद्ध: कश्मीर की कहानी को बदलने के लिए मुनीर की डॉग-व्हिसलिंग और TRF के अत्याचारों को वैश्विक स्तर पर प्रसारित करना.
आगे क्या होगा
तेज हमला: बालाकोट या उरी-शैली के हमले या लॉन्च पैड पर ड्रोन हमले.
गुप्त शिकार: रॉ और विशेष यूनिट के जरिये पाकिस्तान या पीओके में TRF संचालकों का टारगेटेड सफाया.
राजनयिक कोशिशों को बढ़ाना: पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए UN, FATF और क्षेत्रीय ब्लॉकों में राजनयिक कोशिशों को तेज करना जरूरी है.**